Vision
"Our sculptures says, 'Service is the supreme duty.' This means that service is the highest form of duty. Through service done with a sense of donation, sacrifice, and dedication, we attain 'merit.' This is the fundamental objective of our 'Punyam Foundation.' The name 'Punyam' is a Sanskrit word found in the Rigveda and is also referred to as 'invisible blessing' in the Vedantas. Achievements that are not attained even through various chants, austerity, or intense meditation can be achieved through selfless service. Our foundation’s goal in any act of service is to ensure that the benefits of our service genuinely reach those in need.
This is why the 'Punya Foundation' was established, with the aim of delivering the right service to the needy. The foundation equally emphasizes various aspects of charity, including help of kindness, thought, goodwill, kind behaviour, and generosity. Everyone associated with this foundation finds satisfaction and self-improvement as a result of their service.
The ‘Punyam Foundation’ is committed to the health and education of children, empowering women and serving the elderly. The organization works in public awareness campaigns, art therapy, life force treatments, natural therapy and various art forms to help people become self-reliant.
उद्देश्य
हमारी संस्कृति में कहा गया है कि "सेवा परमो धर्म:" अर्थात सेवा ही परम धर्म है। दान, त्याग व समर्पण भाव से करने वाले सेवा से हमें “पुण्य” की प्राप्ति होती है, यही हमारी “पुण्यं फाउंडेशन” का मूल उद्देश्य है| इस फाउंडेशन का नाम "पुण्यं" एक संस्कृत शब्द है जिसका उल्लेख हमें ऋग्वेद में मिलता है तथा वेदांतों में इसे “अदृश्य सम्पदा” भी कहा गया है। अनेकों प्रकार के जप, तप या कठोर साधना से भी जो सिद्धियां प्राप्त नही होती हैं वह निःस्वार्थ भाव से किये गए सेवा कार्य से होती है। किसी भी सेवा कार्य को करने के पीछे हमारा उद्देश्य यह होता है कि हमारे द्वारा किए गए सेवा का लाभ वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे|
यही कारण है कि सही और जरूरतमंद तक सेवा पहुँचाने के उद्देश्य हेतु "पुण्यं फाउंडेशन" की स्थापना की गई है। यह फाउंडेशन दान के विभिन्न आयामों तथा श्रम, विचार, सद्भावना, सद्व्यवहार, उदारता इत्यादि पर समान रूप से बल देती है। इस फाउंडेशन से जुड़े सभी लोग इस सेवा कार्य के फलस्वरूप अपने आप को संतुष्ट और आत्मोद्धार भी करते हैं।
पुण्यं फाउंडेशन बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा के साथ साथ महिलाओं को सशक्त बनाने तथा वृद्धजनों की सेवा में तत्पर रहती है। यह संस्था जनजागरूकता अभियान, आर्ट थेरैपी, प्राणतत्व उपचार, नेचुरल थेरैपी, विभिन्न कला कौशल के माध्यम से लोगों को स्वयं के लिए सम्बल बनने का कार्य करती है|
सेवा परमो धर्मः